जैसे-जैसे साल 2025 विदा हो रहा है, चांदी की कीमतों ने बाजार में एक ऐसा 'बवंडर' पैदा कर दिया है जिसकी कल्पना किसी ने नहीं की थी। सोमवार को मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज (MCX) पर चांदी की कीमतें 14,400 रुपए से अधिक की छलांग लगाकर 2,54,174 रुपए प्रति किलोग्राम के रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गईं।
निवेशकों के लिए बनी 'कुबेर का खजाना'
चांदी ने इस साल निवेशकों को जो रिटर्न दिया है, वह शेयर बाजार और रियल एस्टेट को भी पीछे छोड़ चुका है।
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दिसंबर का रिटर्न: सिर्फ दिसंबर के महीने में चांदी ने करीब 45.28% का जबरदस्त रिटर्न दिया है। नवंबर के अंत में जो चांदी 1.74 लाख रुपए पर थी, वह अब 2.54 लाख के पार है।
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सालाना प्रदर्शन: पिछले साल के अंत में चांदी 87,233 रुपए पर थी। इसका मतलब है कि एक साल के भीतर चांदी ने 191% से ज्यादा का रिटर्न देकर निवेशकों की पूंजी को लगभग तीन गुना कर दिया है।
क्यों लगी है कीमतों में आग?
बाजार विशेषज्ञों का मानना है कि चांदी की इस तेजी के पीछे कई महत्वपूर्ण वैश्विक कारण हैं:
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इंडस्ट्रियल डिमांड: सोलर पैनल, इलेक्ट्रिक वाहन (EV) और इलेक्ट्रॉनिक्स में चांदी का इस्तेमाल तेजी से बढ़ा है।
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चीन का निर्यात प्रतिबंध: दुनिया के सबसे बड़े चांदी उपभोक्ता चीन ने 1 जनवरी 2026 से चांदी के निर्यात पर कड़े प्रतिबंधों की घोषणा की है। इससे वैश्विक सप्लाई चेन में भारी कमी आने की आशंका है।
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फेड रिजर्व की नीति: अमेरिकी फेडरल रिजर्व द्वारा ब्याज दरों में संभावित कटौती और भू-राजनीतिक तनाव (जियो-पॉलिटिकल टेंशन) ने निवेशकों को सुरक्षित निवेश की ओर धकेला है।
[Table: Current Market Rates as of Dec 2025]
| मेटल |
मौजूदा कीमत (MCX) |
वृद्धि (आज) |
रिकॉर्ड स्तर |
| चांदी |
₹2,54,174 / किग्रा |
+₹14,387 |
₹2,54,174 |
| सोना |
₹1,40,444 / 10 ग्राम |
+₹571 |
₹1,40,444 |
सोने की चमक भी हुई तेज
चांदी की देखा-देखी सोने में भी तेजी का रुख है। सोना एक बार फिर 1.40 लाख रुपए प्रति 10 ग्राम के स्तर को पार कर गया है। विशेषज्ञों का अनुमान है कि जिस तरह से मांग बढ़ रही है, अगले साल सोना 1.50 लाख रुपए के स्तर को छू सकता है। हालांकि, रिटर्न के मामले में फिलहाल चांदी ने सोने को बहुत पीछे छोड़ दिया है।
क्या आगे और बढ़ेंगे दाम?
विश्लेषकों का दावा है कि ग्लोबल सप्लाई में बाधाओं के चलते चांदी जल्द ही 2,75,000 रुपए के स्तर तक जा सकती है। अंतरराष्ट्रीय बाजार (COMEX) में भी चांदी 80 डॉलर प्रति औंस के पार निकल गई है। चीन के प्रतिबंध 2027 तक लागू रहने की उम्मीद है, जिसका मतलब है कि चांदी की कीमतों में स्थिरता या तेजी का दौर 2026 में भी जारी रह सकता है।
निष्कर्ष:
चांदी अब सिर्फ एक आभूषण का माध्यम नहीं रह गई है, बल्कि यह एक महत्वपूर्ण 'इंडस्ट्रियल मेटल' और 'एसेट क्लास' बन चुकी है। यदि आप निवेश की योजना बना रहे हैं, तो मौजूदा बाजार की अस्थिरता और सप्लाई बाधाओं को ध्यान में रखना जरूरी है।